मेरी सब कोशिशें नाकाम थी उनको मनाने कि कहाँ सीखीं है ज़ालिम ने अदाएं रूठ जाने कि - Emotional shayari in Hindi

Deepak Kumar Bind


[ Emotional shayari in Hindi ]

मेरी सब कोशिशें नाकाम थी उनको मनाने कि कहाँ सीखीं है ज़ालिम ने अदाएं रूठ जाने कि - Emotional shayari in Hindi


 मेरी सब कोशिशें नाकाम थी उनको मनाने कि,

कहाँ सीखीं है ज़ालिम ने अदाएं रूठ जाने कि



ज़िन्दगी ने आज कह दिया है 🙍मुझे,

किसी और से 👩🏽‍❤️‍👩🏼प्यार है,

मेरी मौत से पूछो,

अब उसे किस बात का इंतज़ार है

पैसे के नशे में जब 🕵🏽आदमी चूर होता है,

उसे लालच का हर फैसला मंजूर होता है

जिंदगी तो उसकी है जिसकी मौत पे जमाना अफसोस करे,

वरना जनम तो हर किसी का मरने के लिए ही होता है….



साथ छोडने वालो को तो बस.. ऐक बहाना चाहिए,

वरना निभाने वाले तो मौत के दरवाझे तक साथ नही छोडते

छोड दी हमने हमेशा के लिए उसकी आरजू करना,

जिसे 👨🏼‍❤️‍👨🏼मोहब्बत की कद्र ना हो उसे दुआओ मे क्या मांगना….


मेरी सब कोशिशें नाकाम थी उनको मनाने कि कहाँ सीखीं है ज़ालिम ने अदाएं रूठ जाने कि - Emotional shayari in Hindi


ऐ खुदा…!!

तुजसे एक सवाल है मेरा,

उसके चहेरे क्यूँ नहीं बदलते,

जो इन्शान "बदल" जाते है.….



🙅मैं उसकी ज़िंदगी से चला जाऊं यह उसकी दुआ थी,

और उसकी हर दुआ पूरी हो यह मेरी दुआ थी

बहुत अंदर तक तबाही मचा देता है,

वो अश्क जो आँख से बह नहीं पाता

दर्द की दीवार पर फरियाद लिखा करते हैं,

हर 🌆रात तन्हाई को आबाद किया करते है..




ज़िन्दा है तो बस तेरी ही इश्क की रहेमत पर,

मर गए हम तो समझना तेरा 👩🏽‍❤️‍👩🏼प्यार कम पड़ा रहा था

गुमान न कर अपनी खुश-नसीबी का

खुदा ने गर चाहा तो तुझे भी इश्क होगा.

मोत से पहेले भी एक मौत होती है,

देखो जरा 🧖🏾तुम जुदा होकर किसी से.

अगर रुक जाये मेरी धड़कन तो इसे मौत न समझना,

अक्सर ऐसा हुआ है तुझे याद करते करते….



गिनती में ज़रा कमज़ोर हुं,

ज़ख्म बेहिसाब ना दिया करो.…


मेरी सब कोशिशें नाकाम थी उनको मनाने कि कहाँ सीखीं है ज़ालिम ने अदाएं रूठ जाने कि - Emotional shayari in Hindi


ना इश्क़ हार मानता,

और ना ही ❤️दिल बात मानता,

क्यों नहीं 🧖🏾तुम ही मान जाते.

काश 🧖🏾तुम मौत होती तो,

एक 🌄दिन मेरी जरूर होती……



हर मुलाक़ात पर वक़्त का तकाज़ा हुआ,

हर याद पे ❤️दिल का दर्द ताज़ा हुआ

जब तक ना लगे बेवफाई की ठोकर,

हर कीसी को अपनी पसंद पे नाझ होता है

संग-ए-मरमर से तराशा खुदा ने तेरे बदन को,

बाकी जो पत्थर बचा उससे तेरा ❤️दिल बना दिया.


मेरी सब कोशिशें नाकाम थी उनको मनाने कि कहाँ सीखीं है ज़ालिम ने अदाएं रूठ जाने कि - Emotional shayari in Hindi


मजबूरिया थी उनकी... और जुदा हम हुए,

तब भी कहते है वो… कि बेवफ़ा हम हुए…



ना हँसते ख़ुद-ब-ख़ुद तो…कब के मर जाते,

ज़िन्दगी तूने तो कभी, मुस्कुराने की वज़ह नहीं दी

करेगा जमाना भी हमारी कदर एक 🌄दिन,

देख लेना.. बस जरा वफ़ा की बुरी आदत छुट जाने दो

ये भी अच्छा हुआ कि,

कुदरत ने रंगीन नही रखे ये आँसू,

वरना जिसके दामन में गिरते,

वो भी… बदनाम हो जाता….



इसी बात से लगा लेना मेरी शोहरत का अन्दाजा,

वो 🙍मुझे सलाम करते है जिन्हे तु सलाम करती हैं





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