बहकने के लिए तेरा एक खयाल काफी है हाथो मे हो फ़िर से कोई जाम ज़रूरी तो नही - Sharabi Shyari

Deepak Kumar Bind


बहकने के लिए तेरा एक खयाल काफी है हाथो मे हो फ़िर से कोई जाम ज़रूरी तो नही - Sharabi Shyari


 बहकने के लिए तेरा एक खयाल काफी है,

हाथो मे हो फ़िर से कोई जाम ज़रूरी तो नही



शराब और इश्क़ कि फितरत एक सी है,

दोनों में वही नशा, वही ❤️दिलकशी, एक दिन तौबा करो 🙍उनसे,

दुसरे दिन फिर वही दीवानगी, फिर वही खुदखुशी.



नशा हम किया करते है इलज़ाम शराब को दिया करते है,

कसूर शराब का नहीं उनका है जिनका चहेरा हम जाम मै तलाश किया करते है…



ना ज़ख्म भरे, ना शराब सहारा हुई,

ना वो वापस लौटे, ना 👨🏼‍❤️‍👨🏼मोहब्बत दोबारा हुई.


बहकने के लिए तेरा एक खयाल काफी है हाथो मे हो फ़िर से कोई जाम ज़रूरी तो नही - Sharabi Shyari


सुना है 👨🏼‍❤️‍👨🏼मोहब्बत कर ली 🧖🏾तुमने भी,

अब किधर मिलोगे, पागलखाने या मैखाने….



किसी ने ग़ालिब से कहा,

सुना है जो शराब पीते हैं उनकी दुआ कुबूल नहीं होती,

ग़ालिब बोले: "जिन्हें शराब मिल जाए उन्हें किसी दुआ की ज़रूरत नहीं होती".



शायरी इक शरारत भरी शाम है,

हर सुख़न इक छलकता हुआ जाम है,

जब ये प्याले ग़ज़ल के पिए तो लगा मयक़दा तो बिना बात बदनाम है….



🧖🏾तुम्हारी 👀आँखों की तौहीन है जरा सोंचो,

🧖🏾तुम्हारा चाहने वाला शराब पीता है.



ऐ शराब !!

🙍मुझे 🧖🏾तुमसे 👨🏼‍❤️‍👨🏼मोहब्बत नही, 🙍मुझे तो उन पलों से 👨🏼‍❤️‍👨🏼मोहब्बत है,

जो 🧖🏾तुम्हारे कारण, मै दोस्तौ के साथ बिताता हूँ….


बहकने के लिए तेरा एक खयाल काफी है हाथो मे हो फ़िर से कोई जाम ज़रूरी तो नही - Sharabi Shyari


सिगरेट के साथ बुझ गया सितारा शाम का,

मयखाने पुकारे ग्लास की उम्र होने आई है….



या खुदा '❤️दिल' तो तुडवा दिया तूने इश्क के चक्कर में,

कम से कम 'लीवर' तो संभालना दारु पीने के लिए.



पी लिया करते हैं जीने की तमन्ना में कभी,

डगमगाना भी ज़रूरी है संभलने के लिए.



हम ने 👨🏼‍❤️‍👨🏼मोहब्बत के नशे में आ कर उसे खुदा बना डाला,

होश तब आया जब उस ने कहा कि खुदा किसी एक का नहीं होता.


बहकने के लिए तेरा एक खयाल काफी है हाथो मे हो फ़िर से कोई जाम ज़रूरी तो नही - Sharabi Shyari


🙅मैं पिए रहुं या न पिए रहुं, लड़खड़ाकर ही चलता हु,

क्योकि तेरी गली कि हवा ही 🙍मुझे शराब लगती हैं….



आंखे है उनकी या है शराब का मेहखना,

देख कर जिनको हो गया हूँ मै दीवाना,

👄होंठ है उनके या है कोई रसीला जाम,

जिनके एहसास की तम्मना मे बीती है मेरी हर शाम



लबो पे आज उनका नाम आ गया,

प्यासे के हाथ में जैसे जाम आ गया,

डोले कदम तो गिरा उनकी बाहों में जाकर,

आज हमारा पीना ही हमारे काम आ गया

जो पीने-पीलाने की बात करते है,

कह दो ऊनसे कभी हम भी पीया करते थे,

जीतने मे यह लोग बहक जाते है,

ऊतनी तो हम ग्लास मे ही छोड दीया करते थे…



जाम तो उनके लिए है, जिन्हें नशा नहीं होता,

हम तो दिनभर "तेरी यादों के नशे में यूँ ही डूबे रहते है".



शाम खाली है जाम खाली है, ज़िन्दगी यूँ गुज़रने वाली है,

सब लूट लिया 🧖🏾तुमने जानेजाँ मेरा, मैने तन्हाई मगर बचा ली है


बहकने के लिए तेरा एक खयाल काफी है हाथो मे हो फ़िर से कोई जाम ज़रूरी तो नही - Sharabi Shyari


👨🏼‍❤️‍👨🏼मोहब्बत भी उस मोड़ पे पहुँच चुकी है,

कि अब उसको 👩🏽‍❤️‍👩🏼प्यार से भी मेसेज करो,

तो वो पूछती है कितनी पी है…



मंदिरो मे हिंदू देखे,

मस्जिदो में मुसलमान,

शाम को जब मयखाने गया,

तब जाकर दिखे इन्सान





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