Best shayari on life | जीवन पर बेहतरीन शायरी -
जिंदगी को बेहतर बनाना है तो
रोना नहीं मेहनत करना पडेगा
औरों से अलग ज़िन्दगी जीने
का तरीका अपना है यार के
लिए उसका हर दर्द मेरा
अपना है उसके हर मुश्किल के
तीर को झेल लूँ अपने सीने पर
चाहे यार कहे ये तीर 🧝🏼♂️मेरे लिए
नही ये तो तेरा अपना है !
वक्त सिखा देता है उसूल
जिंदगी का फिर नसीब क्या
लकीर क्या और तकदीर क्या !
वक्त से लड़कर खुद की
तकदीर बदल दे इंसान वही जो
अपने ✋हाथो की लकीर बदल दे !
खुशी जरूरी है घाव भरने के लिए
समय जरूरी है बदलाव लाने के लिए !
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कुछ रहम कर ऐ जिंदगी थोडा संवर
जाने दे तेरा अगला जख्म भी सह
लेंगे पहले वाला तो भर जाने दे !
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नाम के होते हैं सिर्फ बड़े शहर
मैंने तो ज़िन्दगी छोटे शहर मे
देखा है दस लोगों को छोटे से
घर में हंसी से और दो लोगों को
बंगले में भी उदास सा देखा है !
देखने के लिए संसार को आँखे
चाहिए प्राप्त करने के लिए लक्ष्य
को कर्म चाहिए मैं दूर रहूँ 🙅🏼तुमसे
या रहूँ 🙅🏼तुम्हारे पास धड़कने के लिए
💗दिल को 🧝🏼♂️मेरे 💗दिल मे 🙅🏼तुम्हारा वास चाहिए !
यह जिंदगी 🧝🏼♂️मेरे लिए एक खेल
के जैसी है और मुझे इस खेल का
एक मजबूत खिलाड़ी बनना है !
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क्या लूटेगा जमाना खुशियों
को हमारी हम तो खुद अपनी
खुशियाँ दूसरों पर लुटाकर जीते है !
जब हौसला बना लिया
ऊँची उड़ान का फिर देखना
फिजूल है कद आसमान का !
फर्क होता है खुदा और फ़क़ीर में,
फर्क होता है किस्मत और लकीर में..
अगर कुछ चाहो और न मिले तो समझ लेना..
कि कुछ और अच्छा लिखा है तक़दीर में।
जिन्दगी को हमेशा मुस्कुरा के
गुजारो आप नहीं जानते कि
यह कितनी बाकी है अकेले ही
काटना है मुझे ऐ जिन्दगी का
सफ यूँ पल-दो-पल साथ
चलकर मेरी आदत खराब न करो !
जुगनुओं की रोशनी से तीरगी हटती नहीं,
आइने की सादगी से झूठ की पटती नहीं,
ज़िंदगी में गम नहीं फिर इसमें क्या मजा,
सिर्फ खुशियों के सहारे ज़िंदगी कटती नहीं।
कहती हैं मुझे ज़िन्दगी,कि मैं आदतें बदल लूँ,
बहुत चला मैं लोगों के पीछे,अब थोड़ा खुद के साथ चल लूँ!
खुबसूरत सा एक पल क़िस्सा बन जाता है,
जाने कब कौन ज़िन्दगी का हिस्सा बन जाता है,
कुछ लोग ज़िन्दगी में ऐसे मिलते हैं ,
जिनसे कभी ना टूटने वाला रिश्ता बन जाता है!!
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रूठी जो जिदंगी तो मना लेंगे हम,
मिले जो गम वो सह लेंगे हम,
बस आप रहना हमेशा साथ हमारे तो,
निकलते हुए आंसूओ में भी मुस्कुरा लेंगे हम।
कुछ इस तरह फ़कीर ने ज़िंदगी की मिसाल दी,
मुट्ठी में धूल ली और हवा में उछाल दी।
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हद-ए-शहर से निकली तो गाँव गाँव चली,
कुछ यादें 🧝🏼♂️मेरे संग पाँव पाँव चली,
सफ़र जो धूप का किया तो तजुर्बा हुआ,
वो जिंदगी ही क्या जो छाँव छाँव चली।
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जिंदगी में क्यों भरोसा करते हो गैरों पर,
जब चलना है अपने ही पैरों पर।
ज़िन्दगी के लिए जान जरुरी है,
पाने के लिए अरमान ज़रूरी है,
हमारे पास चाहे हो कितना ही गम,
पर आपके चेहरे पर मुस्कान ज़रूरी है.




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