तेरी मुहब्बत भी किराये के घर की तरह थी कितना भी सजाया पर मेरी नहीं हुई - Sad Bewafa Shayari

Deepak Kumar Bind


 | Sad Bewafa Shayari |

तेरी मुहब्बत भी किराये के घर की तरह थी कितना भी सजाया पर मेरी नहीं हुई - Sad Bewafa Shayari


नहीं चाहिए कुछ भी तेरी इश्क़ कि दूकान से,

हर चीज में मिलावट है बेवफाई कि.

अजीब सा जहर है तेरी यादों मै,

मरते मरते 🙍मुझे सारी ज़िन्दगी लगेगी…



वो भी जिन्दा है, 🙅मैं भी जिन्दा हूँ,

क़त्ल सिर्फ इश्क़ का हुआ है.…



अगर इन आंसूओं की कुछ किमत होती,

तो कल 🌆रात वाला तकिया अरबों में बिकता

जा जाकर धड़क उसके सीने में ऐ ❤️दिल,

हम उसके बिना जी रहे है तो तेरे बिना भी जी लेंगे….



🧖🏾तुमने क्या सौचा कि 🧖🏾तुम्हारे 

सिवा कोई नही 🙍मुझे चाहने वाला,

पगली छोङ कर तो देख, मौत तैयार खङी है 

🙍मुझे अपने सीने लगाने के लीऐ…


तेरी मुहब्बत भी किराये के घर की तरह थी कितना भी सजाया पर मेरी नहीं हुई - Sad Bewafa Shayari


तेरी वफाओं का समन्दर किसी और के लिए होगा,

हम तो तेरे साहिल से रोज प्यासे ही गुजर जाते हैं.

जब हुई थी 👨🏼‍❤️‍👨🏼मोहब्बत तो लगा किसी अच्छे काम का है सिला,

खबर न थी के गुनाहों कि सजा ऐसे भी मिलती है



कल 🌆रात 🙅मैंने अपने सारे ग़म कमरे की दीवारों पे लिख डाले,

बस हम सोते रहे और दीवारें रोती रहीं

सोचा था की ख़ुदा के सिवा 🙍मुझे कोई बर्बाद कर नही सकता,

फिर उनकी 👨🏼‍❤️‍👨🏼मोहब्बत ने मेरे सारे वहम तोड़ दिए…….



तेरी मुहब्बत भी किराये के घर की तरह थी,

कितना भी सजाया पर मेरी नहीं हुई….



कैसे करूं मुकदमा उस पर उसकी बेवफाई का,

कमबख्त ये ❤️दिल भी उसी का वकील निकला

चूम कर कफ़न में लिपटें मेरे चेहरे को.. उसने तड़प के कहा,

नए कपड़े क्या पहन लिए... हमें देखते भी नहीं


तेरी मुहब्बत भी किराये के घर की तरह थी कितना भी सजाया पर मेरी नहीं हुई - Sad Bewafa Shayari


जाते जाते उसने पलटकर इतना ही कहा मुझसे,

मेरी बेवफाई से ही मर जाओगे या मार के जाऊँ

🙍मुझे दफनाने से पहले मेरा ❤️दिल निकाल कर उसे दे देना,

🙅मैं नही चाहता के वो खेलना छोङ दे.…



🙅मैंने आंसू को समझाया, भरी महफ़िल में ना आया करो,

आंसू बोला, 🧖🏾तुमको भरी महफ़िल में तन्हा पाते है,

इसीलिए तो चुपके से चले आते है….



🌆रात सारी तड़पते रहेंगे हम,

अब...आज फिर ख़त तेरे पढ़ लिए शाम को

ना आना लेकर उसे मेरे जनाजे में,

मेरी 👨🏼‍❤️‍👨🏼मोहब्बत की तौहीन होगी,

🙅मैं चार लोगो के कंधे पर हूंगा,

और मेरी जान पैदल होगी...





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