मैं लोगों से मुलाकातों के लम्हें याद रखता हूँ बातें भूल भी जाऊं पर लहजे याद रखता हूँ - (दर्द शायरी हिंदी इमेज ) - Dard Shayari in Hindi - Shayari Khajana365

Deepak Kumar Bind

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मैं लोगों से मुलाकातों के लम्हें याद रखता हूँ बातें भूल भी जाऊं पर लहजे याद रखता हूँ - (दर्द शायरी हिंदी इमेज ) - Dard Shayari in Hindi - Shayari Khajana365


छोड़ दी है अब हमने वो फनकारी वरना,

तुझ जैसे हसीन तो हम कलम से बना देते थे.

 


लाख तलवारे बढ़ी आती हों गर्दन की तरफ,

सर झुकाना नहीं आता तो झुकाए कैसे



हम तो इतने रोमान्टिक है की हम अगर थोड़ी देर,

मोबाइल हाथ मै लेले तो वो भी गरम हो जाता है.



सर झुकाने की आदत नहीं है,

आँसू बहाने की आदत नहीं है,

हम खो गए तो पछताओगे बहुत,

क्युकी हमारी लौट के आने की आदत नहीं है.



राज तो हमारा हर जगह पे है,

पसंद करने वालों के "❤️दिल" में और,

नापसंद करने वालों के "दिमाग" में



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🙅मैं लोगों से मुलाकातों के लम्हें याद रखता हूँ,

बातें भूल भी जाऊं पर लहजे याद रखता हूँ



समंदर बहा देने का जिगर तो रखते हैं लेकिन,

हमें आशिकी की नुमाइश की आदत नहीं है दोस्त.



मेरे बारे में अपनी सोच को थोड़ा बदल के देख,

मुझसे भी बुरे हैं लोग तू घर से निकल के देख



हम जा रहे हैं वहां जहाँ ❤️दिल की हो क़दर,

बैठे रहो 🧖🏾तुम अपनी अदायें लिये हुए



रहते हैं आस-पास ही लेकिन पास नहीं होते,

कुछ लोग मुझसे जलते हैं बस ख़ाक नहीं होते



दुश्मनों को सज़ा देने की एक तहज़ीब है मेरी,

🙅मैं हाथ नहीं उठाता बस नज़रों से गिरा देता हूँ.


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बेवक़्त, बेवजह, बेहिसाब मुस्कुरा देता हूँ,

आधे दुश्मनो को तो यूँ ही हरा देता हूँ



अपनी शख्शियत की क्या मिसाल दूँ यारों

ना जाने कितने मशहूर हो गये, 🙍मुझे बदनाम करते करते



न 🙅मैं गिरा और न मेरी उम्मीदों के मीनार गिरे,

पर कुछ लोग 🙍मुझे गिराने में कई बार गिरे


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जो खानदानी रईस हैं वो, रखते हैं मिजाज़ नर्म अपना,

🧖🏾तुम्हारा लहजा बता रहा है 🧖🏾तुम्हारी दौलत नई नई है…



उसने पुछा, कहाँ रहते हो,

मैने कहा, अपनी औकात मे रहता हुं.




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